आठ अध्यात्मिक श्वसन प्रकार’ यांची मांडणी अशा तर्हेने केली आहे कि साधकाला त्याच्या आध्यात्मिक मार्गावर मार्गदर्शन होईल आणि आपण कोण आहोत व आपण येथे का जन्मलो याचे उत्तम ज्ञान होण्यासाठी याचा उपयोग होईल. Read More
संतोष सचदेवा इन तीन पुस्तकों की लेखिका हैं; द कुंडलिनी ट्रिलोजी: काँशश फ्लाइट इन टु दि एम्पेरीयन, कुंडलिनी डायरी और कुंडलिनी अवेकनिंग। उनका लेखन सरल किंतु अलंकारिक शैली में है। Read More
ये प्रश्नोत्तर जटिल विरोधाभासों वाले अपने परिपूर्ण अर्थ से, गंभीर तर्क से, और आश्चर्यजनक सत्य से आपको चकित कर देंगे । इसमें वे सारे उत्तर हैं जो सभी विश्वासों तथा परम्पराओं के गहन अर्थ को एक साथ संजोए हुए हैं । Read More
जीवन में उजाला करने वाली, आत्मज्ञान देने वाली और उत्थान करने वाली यह ए न्यू अर्थ, जीवन को एक बेहतर ढंग से जीने का और एक बेहतर संसार बनाने का मार्ग दिखाने वाली एक गहरी आध्यात्मिक पुस्तक है । Read More
माँ के जीवन चरित एवं उपदेशों का संक्षिप्त परिचय सीधे माँ द्वारा दीक्षा प्रदान किए गए साधक द्वारा लिखी इस पुस्तक में इस आशा से प्रस्तुत किया गया है कि वह सत्यानुसंधान में रत साधकों को कृपा व शक्ति की परमस्रोत माँ
आनन्दमयी की ओर निर्देशित करेगा। Read More
एक्हार्ट टॉल्ल के संदेश का सार समझना एकदम सरल है। अगर हम अपने भीतर की शांति से संपर्क स्थापित कर लें तो हम अपने चंचल मन और भावनाओं के पार जा सकते हैं और अपने अंदर मौजूद शांति, संतोष, निर्मलता व प्रसन्नता की अथाह गहराई का अन्वेषण कर सकते हैं। Read More
‘जैसा आप सोचते हैं’ का संदेश एक सीधा-सरल लेकिन सशक्त अनुस्मारक है जो कि हमें याद दिलाता है कि ‘‘जो उपलब्धि हम हासिल कर लेते हैं, और जो उपलब्धि हम हासिल नहीं कर पाते हैं, वह सीधे-सीधे तौर पर हमारे विचारों का ही परिणाम होता है ।’’ Read More
हे पुस्तक अत्यंत साधे असूनही या गोष्टीची आठवण करून देते की “आपण जे काही मिळवले आहे आणि जे काही मिळवण्यास अपयशी ठरलो आहोत तो सगळा थेट आपल्याच विचारांचा परीणाम असतो. Read More
संसार इतना आगे बढ़ गया है, जीवन इतना जटिल हो गया है कि साधारण से साधारण इंसान को भी इतना पर्याप्त धन तो चाहिए ही जितना कि समुचित ढंग से रहने के लिए आवश्यक होता है। हमें सबसे अधिक प्रसन्नता उन लोगों को कुछ देने में मिलती है जिन्हें हम प्रेम करते हैं, Read More
आपको बस इतना करने की आवश्यकता है कि आप इस वर्तमान पल को स्वीकार करें, पूरी-पूरी तरह। तब आप अब में, और यहां में, और अपने आप में भी, सहज, शांत व सुखमय हो जायेंगे। Read More