Description
कुंडलिनी के प्रांरभिक जागरण से लेकर पूर्णत्व में विलीन हो जाने के अंतिम सोपान तक की कड़ी साधना संतोष सचदेवा की लेखनी के रुप में उभर कर आई है।
– मास्टर चार्ल्स केनन द्वारा लिखित प्रस्तावना का अंश
आज विश्वभर की चेतना में तेजी से होते परिवर्तन के कारण, कुंडलिनी शक्ति के जागरण और ध्यानधारणा के दौरान होनेवाले कुंडलिनी से संबंधित असाधारण अनुभवों का प्रचार प्रसार दूर दूर तक हो गया है। फिर भी इस पूरी प्रक्रिया पर अनेक प्रश्नचिन्ह लगे हुए हैं और लोगों के मन में कई मिथ्या धारणाएँ हैं। यह पुस्तक ऐसी आध्यात्मिक साधना के दौरान होनेवाले कई अनुभवों और उठनेवाले कई संशयों को सुलझाने का प्रयास है। इस पुस्तक में उठाये गये सभी प्रश्न और उनके उत्तर सत्य घटनाओं पर आधारित हैं।
संतोष सचदेवा स्वयं कुंडलिनी जागरण के गहन अनुभवों से गुजर चुकी है। ‘द कुंडलिनी ट्रिलोजी’ जिसमें ‘काँशस फ्लाइट इनटू दी एम्पिरीयन’, ‘कुंडलिनी डायरी’ और ‘कुंडलिनी अवेकनिंग’ का समावेश है उसमे उनके इन अनुभवों को प्रलेखित किया गया है। इन तीनों पुस्तकों में कुंडलिनी जागरण की प्रक्रिया के अभूतपूर्व दृष्टांत दिये गये हैं। कुंडलिनी साहित्य को इन पुस्तकों के रुप में अद्वितीय और अनोखा योगदान मिला है। यह पुस्तक इस लिये भी अनमोल है क्योंकि इसके पूर्व इस तरह की विश्वसनीय, प्रामाणिक और सही सलाह केवल बैरागी गुरुओं के पास प्राप्त होती थी। इस पुस्तक में ऐसा कुछ हो सकता है – कोई प्रश्न या कोई अनुभव जो आपके प्रश्न या अनुभव जैसा हो और जिसका आप जवाब ढूँढ रहे हों। आशा है कि वह उत्तर आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने में आप की मदद करेगा।
सिद्ध योग गुरु, स्वामी मुक्तानंद परमहंस के शिष्य मास्टर चार्ल्स केनन जो एक अमेरिकन सिद्ध योगी हैं, उनकी प्रसंगोचित टिप्पणीयाँ इस पुस्तक में कुंडलिनी जागरण की आधुनिक समझ प्रदान करने के लिये संलग्न की गई हैं।
आपने अगर इस पुस्तक का चयन किया है तो शायद आप कुंडलिनी जागरण के किसी मुकाम पर हैं और इस प्रक्रिया के बारे में अपने सवालों के उत्तर पाकर आश्वासित होना चाहते हैं। अगर ऐसा है तो आपको शायद अपने प्रश्नों के उत्तर इस पुस्तक में मिलेंगें।
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