Description
ये वे प्रश्नोत्तर हैं जो आपको मदत देगे,
आपके जीवन को बदल देगे,
और आपके उस नज़रिए को बदल देगे
जिससे आप दूसरों को देखा करते हैं ।
तनिक कल्पना कीजिए कि आपको ऐसा अवसर मिल जाए कि आप ईश्वर से जीवन संबंधी ऐसे प्रश्न पूछ सकते हों जो कि पहेली जैसे जटिल हैं – प्रेम और विश्वास के बारे में, जीवन और मरण के बारे में, अच्छाई और बुराई के बारे में ।
और, यह भी कल्पना कीजिए कि ईश्वर उनके स्पष्ट और बोधगम्य उत्तर भी दे दे ।
नील डोनाल्ड वाल्श के साथ सचमुच ऐसा हुआ
और
यह आपके साथ भी हो सकता हैं
बल्कि
आपकी ऐसी ही बातचीत ईश्वर के साथ होने जा रही है – इस पुस्तक के माध्यम से ।
वाल्श अपने जीवन में खुद को बडा खिन्न अनुभव कर रहे थे, और इसलिए अपनी खिन्नता का गुबार निकालने के लिए उन्होंने ईश्वर को पत्र लिखने की सोची, यूं ही । हालांकि, वह यह उम्मीद नहीं कर रहे थे कि ईश्वर की तरफ़ से कोई उत्तर आयेगा । लेकिन, जैसे ही उनका पत्र पूरा हुआ, उन्होंने पाया कि उनके पत्र का उत्तर उनके हाथों ही लिखवाया जा रहा है – और इस तरह उनके प्रश्नों और ईश्वर द्वारा दिए गए उत्तरों का परिणाम है यह पुस्तक ।
ये प्रश्नोत्तर जटिल विरोधाभासों वाले अपने परिपूर्ण अर्थ से, गंभीर तर्क से, और आश्चर्यजनक सत्य से आपको चकित कर देंगे । इसमें वे सारे उत्तर हैं जो सभी विश्वासों तथा परम्पराओं के गहन अर्थ को एक साथ संजोए हुए हैं ।
ये वे प्रश्नोत्तर हैं जो आपको बदल देंगे, आपके जीवन को बदल देंगे, और आपके उस नज़रिए को बदल देंगे जिससे आप दूसरों को देखा करते हैं ।
यह उन लोगों के लिए उत्कृष्ट पुस्तक है जो मुक्त मन वाले हैं, जो जिज्ञासा से लबरेज हैं और जो सत्य को जानने के लिए उत्कंठित है ।
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