Description
आपको बस इतना करने की आवश्यकता है कि आप इस वर्तमान पल को स्वीकार करें, पूरी-पूरी तरह। तब आप अब में, और यहां में, और अपने आप में भी, सहज, शांत व सुखमय हो जायेंगे।
‘द पॉवर ऑफ़ नाउ’ कुछ ही दिनों में उन महान आध्यात्मिक पुस्तकों में अपना स्थान पा चुकी है जो हाल ही में लिखी गईं हैं। इस पुस्तक में एक ऐसी शक्ति है जो शब्दों के पार पहुंचती है, और जो हमें विचारों से परे एक अत्यधिक प्रशांत स्थान की ओर ले जाती है, एक ऐसे स्थान की ओर जहां विचार-जनित समस्याएं विलुप्त हो जाती हैं, और हम यह जान पाते हैं कि एक मुक्त जीवन व्युत्पन्न करने का अर्थ क्या होता है।
‘द पॉवर ऑफ़ नाउ’ (हिंदी अनुवाद: शक्तिमान वर्तमान) में जगह-जगह पर ऐसे विशेष अभ्यास, ऐसे स्पष्ट व सरल साधन दिए गए हैं जो हमें बताते हैं कि हम अपने अंदर विराजमान उस ‘‘श्री, सुख तथा ज्योति’’ को स्वयं कैसे खोजें जिसके दर्शन तब होते हैं जब हम अपने विचारों को नितांत शांत कर देते है और समक्ष संसार का अवलोकन वर्तमान में रहते हुए, प्रेजैंट रहते हुए ही किया करते हैं।
‘प्रैक्टिसिंग द पॉवर ऑफ़ नाउ’ पुस्तक उसी ‘द पॉवर ऑफ़ नाउ’ से सावधानीपूर्वक चुने गए उद्धरणों का एक ऐसा क्रमबद्ध संग्रह है जो उन अभ्यासों और साधनों को सीधे-सरल रूप में हमारे सामने प्रस्तुत कर देता है। इस पुस्तक को आहिस्ते-आहिस्ते पढ़ें, या यूं ही खोल कर कहीं से भी पढ़ें। इसके शब्दों पर मनन करें, शब्दों के बीच के अंतराल पर भी चिंतन करें – और तब हो सकता है कि कुछ समय बाद या तुरंत ही – आपको एक ऐसी चीज़ का दर्शन हो जाए जो जीवन बदल देने वाली है। आपको वह शक्ति प्राप्त हो जायेगी जो न केवल आपके जीवन को बल्कि आपके संसार को बदल देने की व उसका उत्थान करने की क्षमता रखती है।
यह शक्ति यहां है, अब है, इस पल है: यह है आपके बीइंग की समर्पित उपस्थिति। यह यहां ही है, अब ही है, यह कहीं दूर भविष्य में नहीं है, यह हमारे ही भीतर एक ऐसे स्थान के रूप में है जो जीवन के झंझावातों से सदैव अछूता रहा करता है, एक ऐसे संसार के रूप में है जिसका शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता है, एक ऐसे आनंद के रूप में है जिसका न कुछ है और न कुछ विपरीत है।
यह आपके हाथों में है। वर्तमान की इस शक्ति को साधना आंरभ कीजिए।
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