Description
अपने अंतर में जाओ और अपना अस्तित्व खोजो। वहां, जहाँ तुम्हारी जिन्दगी का स्त्रोत है। स्त्रोत में ही सवालों के जवाब मिलेंगे। आप को लिखना है या नहीं, जो भी जवाब हो स्वीकार करो। बिना विश्लेषण किये। स्वत: ही विदित हो जाएगा कि यकीनन आपको लेखक बनना है। विधि का निर्णय स्वीकार करो, उसका भार और प्रताप सहन करो, बिना प्रतिफल की अपेक्षा किये, जो शायद बाहर से मिल सकता है।
– रेनर मारिया रिल्के
Author: Rainer Maria Rilke
yogiimpression –
“Though they were written specifically to a young poet, Rilke’s words apply to everyone – especially to those who are attempting to do anything creative in their lives.”
– Marc Allen, author of A Visionary Life