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खामोशी की आवाज़ | Sounds Of Silence in Hindi
दो जहां के बीच एक डोर

Author: Nan Umrigar
11
SKU: 978-93-82742-20-3

299.00

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खामोशी की आवाज़ (साउन्डस आफ साइलैंस) में नैन अपनी आत्मा पर पड़ी परछाईयों, संशय और अविश्वास के बारे में निडर होकर बात करती है।
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”मम्मी, मेरी बहुत प्यारी मम्मी, मैं तुमसे इतना प्रेम करता हूं कि तुम धरती पर इसकी कल्पना नहीं कर सकती। जब मैं पृथ्वी पर था तो मैने कभी महसूस नहीं किया कि मैं तुम्हें इतना अधिक चाहता हूं। मम्मी प्लीज़, पिछला सब भूल जाओ क्योंकि अब मैं बहुत प्रसन्न हूं।”

– कार्ल द्वारा परलोक से अपनी मां नैन को शुरू में भेजे कुछ शब्द

”मेरा अध्यात्म या अध्यात्मवाद की तरफ लेशमात्र भी झुकाव नहीं था,” नैन उमरिगर कहती है, ”परन्तु मेरे बेटे कार्ल की बम्बई रेसकोर्स मैदान पर हुई दुखद मृत्यु ने सब बदलकर रख दिया। कार्ल एक चैम्पियन जॉकी था और उसके निधन से एक शानदार कैरियर का अन्त हो गया। मेरे शोकाकुल परिवार ने निर्दय भाग्य को कोसा। यह शून्य तब तक बना रहा जब तक मैं कुछ ऐसे लोगों से नहीं मिली जो परलोक निवासी अपने प्रियजनों से संवाद करते थे।”

शीघ्र ही नैन अपने बेटे से संवाद करने लगी और उसके भेजे हुए संदेशो ने नैन का जीवन सदा के लिए बदल दिया। खामोशी भी बोलने लगी थी और इहलोक और परलोक के बीच की खाई लुप्त हो गई और सिध्द हुआ कि हमारे इस जीवन से परे कुछ और भी है। खामोशी की आवाज़ में नैन का अपने बेटे से पुनर्मिलन और परलोक में उसके गुरू मेहरबाबा से क्रमिक परिचय का मार्मिक वर्णन है।

खामोशी की आवाज़ (साउन्डस आफ साइलैंस) में नैन अपनी आत्मा पर पड़ी परछाईयों, संशय और अविश्वास के बारे में निडर होकर बात करती है। उसे संदेशों की वास्तविकता पर तब तक विश्वास नहीं होता जब तक कि पर्याप्त मात्रा में प्रमाण नहीं मिल जाते। यह पुस्तक जीवन और मृत्यु की कई धारणाओं को चुनौती देती है विशेषकर मृत्यु के बाद के जीवन पर अविश्वास की धारणा को।

मूलरूप से स्वप्रकाशित ‘साउन्डस आफ साइलैंस’ बिना अधिक प्रचार के भी सर्वाधिक बिकने वाली पुस्तक बनी और उन हजारों लोगों को शक्ति दी जिन्होंने इसे पढ़ा।

इसमें एक मां की कभी न हार माननेवाली आशा और ममता की कहानी है।

नैन उमरिगर की आश्चर्यजनक और शब्दचित्र युक्त कहानी निश्चित रूप से लोगों को प्रेरित करेगी। यह कहानी कई प्रश्न पैदा करती है और कई प्रश्नों के उत्तर भी देती है। जीवन के गहन रहस्यों को समझने की अन्तर्दृष्टि भी मिलती है।

– रिइनकारनेशन इन्टरनेशनल मैगज़ीन, यू. के.

श्रीमती मेनका गांधी द्वारा सराहना

Author: Nan Umrigar