Description
“जीवन का उद्देश्य है सुखी रहना”
– दलाई लामा (वॉयसेज़ ऑफ़ द हर्ट)
क्या मनुष्य परिस्थितियों का दास है? आधुनिक मनीषियों का मानना है कि परिस्थितियों के चंगुल से बचने का, या अपने हालात में सकारात्मक बदलाव लाने का तरीका उपलब्ध है।
अपने जीवन में आप जो कुछ भी चाहते हैं उसे रचने की, उसे साकार करने की प्रक्रिया के तीन चरण होते हैंः
पहला, सोचना; दूसरा, अनुभूत करना; और तीसरा, करना।
हर विचार का एक स्वरूप होता है और उसमें स्वयं को साकार करने की क्षमता भी होती है। आपको तो बस यह सीखना है कि आप मन की लगाम अपने हाथों में रख कर उसे अपने अनुसार चलाएं, न कि अपनी लगाम उसके हाथों में सौंप कर उसके कहे अनुसार चलने लगें। यानी, सकारात्मक अभिपुष्टियों (एफ़रमेशंस) करते हुए आप मन को चैतन्य रूप से निर्देश करें।
प्राचीन तिब्बती मनीषियों ने हमें ‘9 सकारात्मक सूत्र’ प्रदान किए हैं। ये आपकी पूरी क्षमता को साकार बनाने में मदद कर सकते हैं, आपको गहराई से स्वयं को समझने की और उस पूर्ण-परम-चेतना के साथ अपने संबंध को समझने की ओर ले जा सकते हैं।
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