Description
यह पुस्तक सरल तरीके से इस बात की जाँच-पड़ताल करती है कि दैनिक जीवन का आधार क्या है, और इस जीवन में हम सबसे अधिक किस चीज़ की इच्छा रखते हैं। यह मन की शांति के द्वारा सच्ची खुशी प्राप्त करने का रास्ता दिखाती है।
गौतम सचदेवा, फरवरी 2000, में अद्वैत संत रमेश बलसेकर से मिले थे और तब से निरंतर उनके प्रवचन सुनने जाते रहे है। नौ वर्षों की अवधि में वह रमेश के काफ़ी समीप आ गए और उन्होंने उनकी पुस्तकें संपादित और प्रकाशित भी की हैं। वह योगी इंप्रेशन्स् के संस्थापक हैं।
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